मोहर्रम कब है 2018
संपूर्ण जानकारी के लिए नीचे तक पढ़े, रोजा किस दिन रखना चाहिए ?
दोस्तों, आपको सबसे पहले मैं धन्यवाद कहूंगा क्योंकि आपने मुझे एक मौका दिया है ! इस लेख के जरिए मुहर्रम से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी आप को देने का कोशिश करूंगा! कृपया इस लेख को अंत तक जरूर देखें !
Muharram in Hindi
मुहर्रम इन हिंदी शब्दों के जरिए अगर आप मोहर्रम को ज्यादा जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद है!
इस्लामी कैलेंडर हिजरी के अनुसार मोहर्रम साल के पहले महीने का नाम है जो इस्लाम के सबसे चार पवित्र महीनों में से एक है ! मोहर्रम महीने के दसवें दिन को आशूरा कहते हैं ! मोहर्रम महीने का दसवां दिन भारत में सरकारी छुट्टी होता है!
पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड
- 2013 - 14 नवंबर
- 2014 - 04 नवंबर
- 2015 - 24 अक्टूबर
- 2016 - 12 अक्टूबर
- 2017 - 1 अक्टूबर
- 2018 - 21 सितंबर (उम्मीद)
पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड बयान कर रहा है कि हर साल अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 10 से 11 दिन पहले मोहर्रम का त्यौहार मनाया जाता है !
मुहर्रम 2018 Date
वर्ष 2018 के लिए आप उम्मीद कर सकते हैं कि 20 से 22 सितंबर के बीच में मोहर्रम महीने का दसवां दिन होगा, जिसेआशूरा भी कहते हैं ! भारत में सरकारी छुट्टी इसी दिन होता है !
उम्मीद करता हूं कि आप को, 2018 में मोहर्रम कब है, मोहर्रम कितने तारीख को है, मुहर्रम कितनी तारीख को है और मुहर्रम 2018 date की जानकारी मिल गया होगा !
Muharram Moon Sighting
इस्लामिक नववर्ष - 1440
मोहर्रम की पहली तारीख बुधवार 12 सितम्बर को है यानि 12 सितम्बर को इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नववर्ष होगा ! यौमे आशूरा 21 सितम्बर शुक्रवार को मनाया जाएगा !
10 सितंबर रात के 10:00 बजे
इस्लामी चंद्र कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम (1440) 12 सितंबर से शुरू हो सकता है और अशूरा 21 सितंबर को मनाया जा सकता है क्योंकि भारत के किसी भी हिस्से से चाँद देखें जाने का सूचना अभी तक नहीं मिला है ! भारत के मुस्लिम संगठनों अभी तक कोई घोषणा नहीं किया, जिसका इंतजार लोगों को है !
खगोलीय मानकों के मुताबिक, 10 सितंबर, 2018 की शाम को मुहर्रम के चंद्रमा को देखा जा सकता है, यानी 29वीं जिलीज 1439 एएच !
भारतीय कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम-उल-हरम 12 सितंबर को शुरू होने की उम्मीद है !
अगर चाँद 10 सितंबर को देखा जाता है तो 12 सितंबर को इस्लामिक कैलेंडर मुहर्रम का पहला महीना शुरू हो जाएगा और हजरत इमाम हुसैन का शहादत 20 सितंबर को मनाया जाएगा यानी कि भारत में सरकारी छुट्टी का दिन !
अगर 12 सितंबर को इस्लामिक कैलेंडर मुहर्रम का पहला महीना शुरू होता है तो हजरत इमाम हुसैन का शहादत 21 सितंबर को मनाया जाएगा यानी कि भारत में सरकारी छुट्टी का दिन ! 21 सितंबर शुक्रवार का दिन है, जो कई सालों के बाद इस दिन हो सकता है !
मोहर्रम की चांद समाचार व ताज़ा अपडेट के लिए इस पेज पर विजिट करते रहें !
मोहर्रम कब होगा, अगर आप एग्जैक्ट जानना चाहते हैं तो 10 सितंबर के बाद आप इस पेज को दोबारा चेक कर लें, क्योंकि इस्लामिक कैलेंडर हिजरी चांद के अनुसार चलता है !
मोहर्रम का इतिहास
Muharram History in Hindi शब्दों के जरिए मोहर्रम का इतिहास जानना चाह रहे हैं तो आगे आप बढ़ सकते हैं ! अक्सर लोग पूछते हैं आशूरा क्या होता है ?
आशूरा एक दिन है जो मोहर्रम महीने के दसवें दिन को कहा जाता है, यह दिन इस्लामिक इतिहास का सबसे निंदनीय दिनों में से एक है ! आशूरे के दिन (मोहर्रम के 10 तारीख) करबला के मैदान में हज़रत सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के नवासे हज़रत इमाम हुसैन और उनके बेटे को शहीद कर दिया गया था ! अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 10 अक्टूबर 680 का घटना है !
10 Muharram Fasting
1st Muharram 2018 का 10 से 11 सितंबर के बीच में हो सकता है लेकिन सही तस्दीक चांद देखने के बाद ही होगा ! आप उम्मीद कर सकते हैं कि मोहर्रम का चांद 10 या 11 सितंबर को दिख सकता है !
मोहर्रम के 1 से लेकर 10 तारीख के बीच, अल्लाह की इबादत करना ज्यादा सवाब का माना जाता है ! हजरत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मोहर्रम महीने के 9 तारीख को रोजा रखे थे !
मोहर्रम का रोज़ा
एक हदीस के अनुसार, मोहर्रम महीने का 9 तारीख का रोजा 30 रोजों के बराबर का सवाब मिलता है, उसके साथ गुनाहों की माफ़ी भी मिलती है ! मोहर्रम में रोजा रखना फर्ज नहीं है लेकिन एक बहुत बड़ा सुन्नत है !
दोस्तों, उम्मीद करता हूं कि आप को संक्षिप्त में मोहर्रम की जानकारी मिल गया होगा !
सौजन्य :- http://www.kulhaiya.com/india/list-of-muslim-festivals-in-india/मोहर्रम-कब-है
इस्लाम की तारीख में पूरी दुनिया के मुसलमानों का प्रमुख नेता यानी खलीफा चुनने का रिवाज रहा है। ऐसे में पैगंबर मोहम्मद साहब के बाद चार खलीफा चुने गए। लोग आपस में तय करके किसी योग्य व्यक्ति को प्रशासन, सुरक्षा इत्यादि के लिए खलीफा चुनते थे। जिन लोगों ने हजरत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और खलीफा चुना, वे शियाने अली यानी शिया कहलाते हैं। शिया यानी हजरत अली के समर्थक। इसके विपरीत सुन्नी वे लोग हैं, जो चारों खलीफाओं के चुनाव को सही मानते हैं।
क्यू पहनते हैं काले कपड़े ?
मुहर्रम माह के दौरान शिया समुदाय के लोग मुहर्रम के 10 दिन काले कपड़े पहनते हैं।वहीं अगर बात करें मुस्लिम समाज के सुन्नी समुदाय के लोगों की तो वह मुहर्रम के 10 दिन तक रोज़ा रखते हैं। इस दौरान इमाम हुसैन के साथ जो लोग कर्बला में शहीद हुए थे उन्हें याद किया जाता है और इनकी आत्मा की शांति की दुआ की जाती है।
क्या है ताजिया ?
ये शिया मुस्लिमों का अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है। मुहर्रम के 10 दिनों तक बांस, लकड़ी का इस्तेमाल कर तरह तरह से लोग इसे सजाते हैं और 11वें दिन इन्हें बाहर निकाला जाता है। लोग इन्हें सड़कों पर लेकर पूरे नगर में भ्रमण करते हैं सभी इस्लामिक लोग इसमें इकट्ठे होते हैं। इसके बाद इन्हें इमाम हुसैन की कब्र बनाकर दफनाया जाता है। एक तरीके से 60 हिजरी में शहीद हुए लोगों को एक तरह से यह श्रद्धांजलि दी जाती है।
आपको बता दें की मुहर्रम को कोई त्यौहार नहीं है बल्कि मातम मनाने का दिन है। जिस स्थान पर हुसैन को शहीद किया गया था वह इराक की राजधानी बगदाद से 100 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में एक छोटा-सा कस्बा है। मुहर्रम महीने के 10वें दिन को आशुरा कहा जाता है। मुहर्रम के दौरान जुलूस भी निकाले जाते हैं।
क्या करते हैं जुलूस में?
इस दिन को लोग करबला के खूनी युद्ध पर भाषण सुनते हैं, संगीत से बचते हैं, और शादी-विवाह जैसे खुशहाल अवसरों पर नहीं जाते हैं। मुहर्रम के 10वें दिन, वो रंगीन बैनरों और बांस-और-कागज के शहीद चित्रणों के साथ सड़कों पर उतरते हैं। इस जुलूस के दौरान, वे नंगे पैर चलते हैं और विलाप करते हैं। कुछ लोग अपने आपको खून निकालने तक कोड़े भी मारते हैं जबकि कुछ लोग नाचकर करबला के युद्ध का अभिनय करते हैं।
सौजन्य :- https://m.punjabkesari.in/article/why-do-they-celebrate-muharram-what-is-the-story-behind-it/684720
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