Shayari for Anchoring in Hindi ,marathi,English ,मंच संचालन शायरी ,शेरोशायरी ,चोरोळी संग्रह सूत्रसंचालन करण्यासठी मंच संचालन शायरी –
Shayari for Anchoring in Hindi
1.मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं ,
स्वप्न के परदे निगाहों से हटाती हैं ,
हौसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर ,
ठोकरें इन्सान को चलना सिखाती हैं |
2.खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं ,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं ,
ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी ,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं|
3.मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं ,
रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते हैं |
4.हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये ,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये ,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे ,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये .
5. वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या ,जिस पथ में बिखरें शूल न हों
नाविक की धैर्य कुशलता क्या , जब धाराएँ प्रतिकूल न हों ।
6. जब टूटने लगे होसले तो बस ये याद रखना ,बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते ,
ढूंड लेना अंधेरों में मंजिल अपनी ,जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते .
7. यह अरण्य झुरमुट जो काटे अपनी राह बना ले ,
कृत दास यह नहीं किसी का जो चाहे अपना ले
जीवन उनका नहीं युधिष्ठिर जो इससे डरते हैं,
यह उनका जो चरण रोप निर्भय होकर चलते हैं |
8. कुछ बात है की हस्ती मिटती नहीं हमारी ,
सदियों रहा है दुश्मन दौरे -जमाँ हमारा |
9.समर में घाव खाता है उसी का मान होता है,
छिपा उस वेदना में अमर बलिदान होता है,
सृजन में चोट खाता है छेनी और हथौड़ी का,
वही पाषाण मंदिर में कहीं भगवान होता है |
10.कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं ,
जीता वही जो डरा नहीं |
जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है,जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं॥
बुझने लगी हो आंखे तेरी, चाहे थमती हो रफ्तार
उखड़ रही हो सांसे तेरी, दिल करता हो चित्कार
दोष विधाता को ना देना, मन मे रखना तू ये आस
“रण विजयी” बनता वही, जिसके पास हो “आत्मविश्वास”
-संजय मिश्र
आओ झुक कर सलाम करें उनको,
जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है,
खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जिनका लहू इस देश के काम आता है॥
दुआ मांगी थी आशियाने की ,
चल पड़ी आंधियां ज़माने की,
मेरे गम को कोई समझ न पाया,
मुझे आदत थी मुस्कराने की॥
कोशिशों के बावजूद हो जाती है कभी हार ...
होके निराश मत बैठना मन को अपने मार ...
बड़ते रहना आगे सदा हो जैसा भी मौसम ...
पा लेती है मंजिल चींटी भी गिर गिर के हर बार॥
ऐसा नहीं की राह में रहमत नहीं रही
पैरो को तेरे चलने की आदत नहीं रही
कश्ती है तो किनारा नहीं है दूर
अगर तेरे इरादों में बुलंदी बनी रही॥
मुश्किलों से भाग जाना आसन होता है ,
हर पहलु ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है ,
डरने वालो को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में ,
लड़ने वालो के कदमो में जहाँ होता है॥
बुलबुल के परो में बाज़ नहीं होते ,
कमजोर और बुजदिलो के हाथो में राज नहीं होते ,
जिन्हें पड़ जाती है झुक कर चलने की आदत ,
दोस्तों उन सिरों पर कभी ताज नहीं होते॥
हर पल पे तेरा ही नाम होगा ,
तेरे हर कदम पे दुनिया का सलाम होगा
मुशिकिलो का सामना हिम्मत से करना ,
देखना एक दिन वक़्त भी तेरा गुलाम होगा॥
मंजिले उन्ही को मिलती है
जिनके सपनो में जान होती है
पंखो से कुछ नहीं होता
होसलो से उडान होती है॥
ताश के पत्तों से महल नहीं बनता,
नदी को रोकने से समंदर नहीं बनता,
बढ़ाते रहो जिंदगी में हर पल,
क्यूंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता
देखकर दर्द किसी का जो आह निकल जाती है,
बस इतनी से बात आदमी को इंसान बनाती है ।
जरुरी नहीं की हर समय लबों पर खुदा का नाम आये,
वो लम्हा भी इबादत का होता है जब इंसान किसी के काम आये।
रोज रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों! देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।
अपनी उलझन में ही अपनी, मुश्किलों के हल मिले ,
जैसे टेढ़ी मेढ़ी शाखों पर भी रसीले फल मिले ,
उसके खारेपन में भी कोई तो कशिश जरुर होगी,
वर्ना क्यूँ जाकर सागर से यूँ गंगाजल मिले ।
ताल्लुक़ कौन रखता है किसी नाकाम से लेकिन,
मिले जो कामयाबी सारे रिश्ते बोल पड़ते हैं,
मेरी खूबी पे रहते हैं यहां, अहल-ए-ज़बां ख़ामोश,
मेरे ऐबों पे चर्चा हो तो, गूंगे बोल पड़ते हैं।
पूछता है जब कोई दुनिया में मोहब्बत है कहाँ,
मुस्करा देता हूँ और याद आ जाती है माँ।
भरे बाजार से अक्सर ख़ाली हाथ ही लौट आता हूँ,
पहले पैसे नहीं थे अब ख्वाहिशें नहीं रहीं।
ज़मीर जिन्दा रख, कबीर जिंदा रख,
सुल्तान भी बन जाये तो, दिल में फ़कीर जिंदा रख,
हौसले के तरकश में कोशिश का वो तीर जिंदा रख,
हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिंदा रख।
अपनों के दरमियां सियासत फ़िजूल है
मक़सद न हो कोई तो बग़ावत फ़िजूल है।
रोज़ा, नमाज़, सदक़ा-ऐ-ख़ैरात या हो हज
माँ बाप ना खुश हों, तो इबादत फ़िजूल है।
ये मंजिलें बड़ी जिद्दी होती हैं, हासिल कहां नसीब से होती हैं।
मगर वहां तूफान भी हार जाते हैं, जहां कश्तियां जिद्द पे होती हैं।।
जिसकी सोच में खुद्दारी की महक है,
जिसके इरादों में हौसले की मिठास है,
और जिसकी नियत में सच्चाई का स्वाद है,
उसकी पूरी जिन्दगी महकता हुआ गुलाब है।
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है … आज़माइशों के बाद!!
जरूरी नही कुछ तोडने के लिये पथ्थर ही मारा जाए ।
लहजा बदल के बोलने से भी बहोत कुछ टूट जाता है ।।
यूँ असर डाला है मतलब-परस्ती ने दुनिया पर कि,
हाल भी पूछो तो लोग समझते हैं, कोई काम होगा ।
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है ,
कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है ,
पर जो हर हाल में खुश रहते हैं ,
जिंदगी उन्ही के आगे सर झुकाती है।
जिसने कहा कल, दिन गया टल,
जिसने कहा परसों,बीत गए बरसो
जिसने कहा आज, उसने किया राज।
ताउम्र बस एक ही सबक याद रखिये,
दोस्ती और इबादत में नीयत साफ़ रखिये।
भटके हुओं को जिंदगी में राह दिखलाते हुए,
हमने गुजारी जिंदगी दीवाना कहलाते हुआ।
वो मस्जिद की खीर भी खाता है और मंदिर का लड्डू भी खाता है ,
वो भूखा है साहब इसे मजहब कहाँ समझ आता है।
हजारों ऐब हैं मुझमे, न कोई हुनर बेशक,
मेरी खामी को तुम खूबी में तब्दील कर देना,
मेरी हस्ती है एक खारे समंदर से मेरे दाता,
अपनी रहमतों से इसे मीठी झील कर देना।
झूठा अपनापन तो हर कोई जताता है,
वो अपना ही क्या जो पल पल सताता है,
यकीं न करना हर किसी पर क्यूंकि,
करीब कितना है कोई यह तो वक्त बताता है ।
मुझे तैरने दे या फिर बहाना सिखा दे,
अपनी रजा में अब तू रहना सिखा दे,
मुझे शिकवा न हो कभी किसी से, हे ईश्वर,
मुझे सुख और दुःख के पर जीना सिखा दे।
पंछी ने जब जब किया पंखों पर विश्वास,
दूर दूर तक हो गया उसका ही आकाश।
जमीन जल चुकी है आसमान बाकि है ,
वो जो खेतों की मदों पर उदास बैठे हैं,
उन्ही की आँखों में अब तक ईमान बाकि है ,
बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर ,
किसी का घर गिरवी है और किसी का लगान बाकि है ।
तेरी आजमाइश कुछ ऐसी थी खुदा,
आदमी हुआ है आदमी से जुदा,
ज़माने को ज़माने की लगती होगी,
पर धरती को किसकी लगी है बाद दुआ,
उदासी से तूफान के बाद परिंदे ने कहा,
चलो फिर आशियाँ बनाते हैं जो हुआ सो हुआ।
हदे शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पांव-पांव चली,
सफ़र जो धुप का हुआ तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।
बेस्ट वेलकम शायरी | Best Welcome Shayari
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,
क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं.
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,
वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं.
Swagat Shayari
आये वो हमारी महफ़िल में कुछ इस तरह
कि हर तरफ़ चाँद-तारे झिलमिलाने लगे,
देखकर दिल उनको झूमने लगा
सब के मन जैसे खिलखिलाने लगे.
Swagat Shayari in Hindi
कौन आया कि निगाहों में चमक जाग उठी,
दिल के सोये हुए तरानों में खनक जाग उठी,
किसके आने की खबर ले कर हवाएँ आई
रूह खिलने लगी साँसों में महक जाग उठी.
ये कौन आया, रौशन हो गयी महफ़िल किसके नाम से
मेरे घर में जैसे सूरज निकला है शाम से.
हार को जीत की इक दुआ मिल गई,
तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई,
आप आये श्रीमान जी यूँ लगा
जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई.
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार,
इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गम
इस आयोजन का करें वेलकम.
देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो
सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी,
सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी.
अजीज के इन्तजार में ही पलके बिछाते हैं,
महफ़िलो की रौनक खास लोग ही बढ़ाते हैं.
उसने वादा किया है आने का,
रंग देखो गरीब खाने का.
जो दिल का हो ख़ूबसूरत ख़ुदा ऐसे लोग कम बनाये हैं,
जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये हैं.
New Welcome Shayari
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,
ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान.
Latest Welcome Shayari
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से.
महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों (आप) के आने से,
1. कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों के सामने,
उनमें ताकत ना सही पर होसला होगा ज़रूर|
इसी तरह तक आगे बढ़ते रहे तो देखना,
तय समंदर तक एक दिन फासला होगा ज़रूर||
2. ना संघर्ष, ना तकलीफें…क्या है मजा फिर जीने में|
तूफान भी थम जाएगा, जब लक्ष्य रहेगा सीने में||
3. दिलों में विश्वास पैदा करता है,
हम सुब में कुछ आस पैदा करता है…
मिटटी की बात तो अलग है,
इश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है||
4. अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर,
तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर…
मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त,
तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर||
5. कौन पहुंचा है कभी अपनी आखरी मंजिल तक,
हर किसी के लिए थोडा आसमान बाकि है…
ये तुझको लगता है तू उड़ने के काबिल नहीं,
सच तो ये है की तेरे पंखों में अभी भी उड़न बाकि है||
Shayari for Anchoring in Hindi
6. जो गर चलना हो साथ, तो अपना हाथ बढ़ा दीजिये…
हो गर मन में प्रेम तो फिर मुस्कुरा दीजिये|
है आज हमारा, क्या पता कल हो ना हो….
कोई गीत हो मन में तो फिर गुनगुना दीजिये||
7. माटी का पुतला हूँ, आपसे जुदा नहीं हूँ…
गलती हो तो माफ़ करना, इन्सान हूँ खुदा नहीं हूँ||
कौन कहता है, कि आसमां में सुराख़ नहीं होता,
इक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों||
8. ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना,
हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना||
9. ज़िन्दगी तब बहतर होती है जब हम खुश होते हैं,
लेकिन ज़िन्दगी तब बहतरीन होती है जब हमारी वजह से कोई खुश होता है||
10. मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में,
मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती||
11. तौड़ के हर एक पिंजरा उड़ चलो आसमा की और,
चाहे लाख लगा ले कोई बंदिशें, तौड़ दो हर एक छोर…
करना है हर सपने को पूरा बस थान लो एक बार,
हर मुश्किल हल होगी जब इरादा होगा तुम्हारा कठोर||
12. मुहोब्बत का एक हसीं अहसास हूँ में,
हर पल में घुल जून कुछ एसा खास हूँ में…
पूरी उम्र जपो यद् रहे आपको,
इस शाम का वो हसीं आगाज़ हूँ में||
13. चंदा की चकोरी से कभी बात ना होती,
गर तुमसे हमारी ये मुलाकात ना होती|
इस शाम के लोगों में कुछ बात हे यारों,
वरना तो कभी इतनी हसीं रात ना होती||
14. आप जब से इस शाम में आएं हैं, दिलों में बहार छाई है…
दिन हो गए बदमाश घटाओं में फुहरी छाई है|
रातों में खिलती है चांदनी हवाओं में फयार आई है,
जिधर देखता हूँ तो लगता है, मानों फूलों की बारात आई है||
15. बूझी शमा भी जल सकती है,
तुफानो से कश्ती भी निकल सकती है|
हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत भी कभी बदल सकती है||
16. छु ले आसमां जमी की तलाश ना कर,
जी ले ज़िन्दगी ख़ुशी की तलाश ना कर|
तक़दीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सिख ले ख़ुशी की तलाश ना कर||
17. चलता रहूँगा मंजिल की और, चलने में माहिर बन जाऊंगा
या तो मंजिल मिल जाएगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा||
18. जीत की खातिर बस जुनून चाहिए,
जिसमें उबाल हो एसा खून चाहिए|
यह आसमां भी आएगा ज़मी पर,
बस इरादों में जीत कि गुंज चाहिए||
19. जो खो गया उसके लिए रोया नहीं करते,
जो पा लिया उसे खोया नहीं करते|
उनके ही सितारे चमकते है ए दोस्,
जो मजबूरियों का रोना रोया नहीं करते||
20. दुनियां का हर शौक पला नहीं जाता,
कांच के खिलोनो को उछाला नहीं जाता|
महनत करने से हो जाती है मुश्किले आसान,
क्यों की हर कम तक़दीर पर टाला नहीं जाता||
स्टार्टिंग
यादों का हैं विशाल आकार,
संजो रखा हैं एक परिवार |
एक माला के मोती हैं सब,
शिक्षा के मंदिर के ज्योति हैं सब |
नहीं हैं यह केवल एक महा विद्यालय का प्रांगन |
यह तो हैं स्नेह भक्ति से सजा श्री ……….के घर का आँगन ||
गुरु के लिए
मानते हैं इन्हें एक गुरु अपना
दिखाया जिसने जीवन का सपना
पग पग पर दिया दिशा निर्देश
जिससे सजा जीवन परिवेश
बड़े भाई के लिए
कड़ी धूप में दे पीपल जो छाया
ऐसी अदभुद हैं प्रेम की माया
होता हैं जब बड़े भाई का हाथ
जीवन बीतता हैं बिना विवाद
नहीं हैं इनसे रक्त सम्बन्ध
पर है जीवन का अनमोल बंधन
सखा के लिए
जीवन का घरोंदा सजता हैं सपनों से
दिल भर उठता हैं यादों की दस्तक से
हर लम्हा खुशनुमा हो उठता हैं
जब साथ इन यारों का होता हैं |
शिष्य के लिए
गुरु के लिए क्या हैं ख़ुशी ?
ना तारीफ के शब्धों में हैं वो ताकत
ना मूल्यवान उपहारों में हैं सच्ची इबादत
बस एक ही हैं जिससे मिले आत्मीय शांति
जब शिष्य को मिले सफलता की कांति
बेटियों के लिए
कभी-कभी आते हैं जीवन में ऐसे मोड़
मिल जाते हैं धुरंधर उतपाती लोग
किसी को हैं फेशन का कीड़ा
किसी का कड़क मिजाज अलबेला
एक हैं इसमें प्यारी बनिया
एक ने उड़ा रखी हैं निंदिया
ऐसा हैं इन लड़कियों का फेरा
जिन्होंने कई बार इन्हें विवादों में घेरा
शरारती बेटियों के लिए
हैं यहां कुछ सुशील बहुए
मीठी, कड़क, चाय हो जैसे
काम में तेज , तो कभी बातों में
कभी सीधी तो कभी कराटो में
हैं इनका एक अलग स्थान
शिक्षा के मंदिर में, अमीट योगदान
सखी के लिए
करते-करते संतुलित समीकरण
रसायन का किया आकलन
अब इन्हें भी लेना हैं विदा
साथियों से होकर जुदा
हैं राजनीती शास्त्र में इनकी पकड़
साड़ी पहने कलफ चड़ीं कड़क
चेहरे पर न झुर्री न दाग
आवाज में हैं दबंगता का भाव
इनके इतिहास के पन्ने हैं ताजे
भुत से भुत तक इनके शंख हैं बाजे
……………………नाम हैं जिनका
सखी सहलियों सा साथ हैं इनका
staff के लिए
बिना इनके नहीं होता पूरा परिवार
साथ हो सबका तब ही बनता आकार
जब होते हैं सभी प्यार के बंधन में बंधे
तब ही जगमगाते हैं मोती माला के
अन्य साथी
हर काम आसान हो जाता है
जब दिलों का तार जुड़ जाता हैं
फिर कितना भी हो मन मुटाव
प्यार से भरी जिन्दगी में होता हैं ठहराव
आते हैं कई मोड़ ऐसे
जब मन विचलित होता हैं
जब उन कठिनाइयों में
बस साथ अपनों का होता हैं
यह हैं S N College का परिवार
जहाँ सबका हैं समान आकार
अन्य मेम्बर
इन्हें समझा हैं इस परिवार का बच्चा
जिनकी शैतानी से तरो ताज़ा रहता हैं अच्छा-अच्छा
इनकी शरारतो से खुशनुमा हैं वातावरण
जैसे इत्र की सुगंध से महके आवरण
बिना इनके होता हैं सूनापन
करते हैं हर दम मक्खी सी भीन-भीन
छोटे भाई
परिवार जितना सजता हैं बड़ो के आशीर्वाद से
उतना ही महकता हैं छोटो की नटखट शरारतो से
इस परिवार में हैं छोटे भाई भी इतने खास
जिनके बिना ना सजे कोई साज
जीवन परिचय
कुछ पंक्तियों के जरिये,
इक छोटा सा परिचय |
जीवन बीता इस खंडवा नगरी में,
शिक्षा का दीपक जलाया,
सुभाष स्कूल के प्रांगन से
उच्च शिक्षा का गौरव दिलाया,
S. N कॉलेज की गलियों में
अभी भी भर रहा था ज्ञान का घड़ा
एम.फिल के लिए इन्हें उज्जैन जाना पड़ा
1976 में इन्होने P.S.C. का पेपर निकला
SN कॉलेज में अध्यापक का दर्जा पाया
फिर भी नहीं थमा ज्ञान का सागर
Ph.D को पूरा कर SN कॉलेज में सम्पूर्ण जीवन बिता कर
आज इस जगह को अलविदा हैं कहने वाले
सभी हैं साथ आज इनके चाहने वाले
ये अपने ही हैं इनके जीवन की पूंजी
सरल सादे आचरण की इकलोती कुंजी ||
तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है
तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और
कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है
सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगे
अल्लाह सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी
तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी
वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,
ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान.
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से.
महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों (आप) के आने से,
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,
क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं.
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं,
वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं.
ये कौन आया, रौशन हो गयी महफ़िल किसके नाम से
मेरे घर में जैसे सूरज निकला है शाम से
हार को जीत की इक दुआ मिल गई,
तप्त मौसम में ठंडी हवा मिल गई,
आप आये श्रीमान जी यूँ लगा
जैसे तकलीफों को कुछ दवा मिल गई.
सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आने वाला हर पल लाये खुशियों का बहार,
इस उम्मीद के साथ भुलाके सारे गमइस आयोजन का करें वेलकम.
देर लगी आने में तुम को शुक्र है फिर भी आए तो
आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो
सौ चाँद भी आ जाएँ तो महफ़िल में वो बात न रहेगी,
सिर्फ आपके आने से ही महफ़िल की रौनक बढ़ेगी.
अजीज के इन्तजार में ही पलके बिछाते हैं,
महफ़िलो की रौनक खास लोग ही बढ़ाते हैं.
उसने वादा किया है आने का,
रंग देखो गरीब खाने का.
जो दिल का हो ख़ूबसूरत ख़ुदा ऐसे लोग कम बनाये हैं,
जिन्हें ऐसा बनाया है आज वो हमारी महफ़िल में आये हैं.
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